Thursday, 30 November 2023
HEALTH IS WEALTH
हर मौसम के फल के फायदे खास होते हैं। सिंघाड़ा जलिय पौधे का फल (Shingade fruit) होता है। सिंघाड़ा मधुर, ठंडे तासिर का, छोटा, रूखा, पित्त और वात को कम करने वाला, कफ को हरने वाला, रूची बढ़ाने वाला एवं वीर्य या सीमेन को गाढ़ा करने वाला होता है। यह रक्तपित्त तथा मोटापा कम करने में फायदेमंद होता है।
इसके बीज पोषक, दर्द को कम करनेवाला, ब्रेस्ट साइज को बढ़ाने वाला, बुखार कम करने वाला, भूख बढ़ाने वाला तथा कमजोरी कम करने वाला होता है!
सिंघाड़ा यूरिन इंफेक्शन की समस्या में फायदेमंद हो सकता है। सिंघाड़ा में मौजूद एंजाइम मूत्राशय को साफ करके बैक्टीरिया को फ्लश करता है। यह मूत्र पथ के संक्रमण और मूत्र प्रणाली से संबंधित अन्य बीमारियों को ठीक करने में उपयोगी है। सिंघाड़े डाययूरेटिक की तरह काम करता है और पेशाब को बढ़ावा देता है और पेशाब से जुड़ी समस्याओं से राहत दिलाता है।
सिंघाड़ा का पोषक तत्वों का पावरहाउस माना जाता है, क्योंकि इसमें शरीर के लिए जरूरी लगभग सभी जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। यह एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन ए, बी, सी, ई, प्रोटीन, फाइबर, मैग्नीशियम, पोटैशियम, मैंगनीज, कॉपर जैसे जरूरी पोषक तत्वों का एक बेहतरीन स्रोत है। यह सर्दियों की शरुआत के दौरान बाजार में खूब देखने को मिलते हैं। लोग सिंघाड़ा सीधे तौर पर, इसके आटे आदि का सेवन करते हैं। व्रत में सिंघाड़े के आटे की रोटी व हलवा का सेवन खूब किया जाता है। यह बेहद स्वादिष्ट और स्वास्थ्य लाभों से भरपूर होता है। वहीं कुछ लोग कच्चा सिंघाड़ा और इसकी सब्जी का भी सेवन करते हैं।
सिंघाड़े एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं, साथ ही इनमें फेरुलिक एसिड, गैल कैटेचिन, गैलेट और कैटेचिन गैलेट जैसे कंपाउंड्स भी मौजूद होते हैं। जिससे यह शरीर में मौजूद हानिकारक कण और फ्री-रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं। फ्री रेडिकल्स कई गंभीर रोगों के जोखिम को बढ़ाते हैं, यह शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव को बढ़ाते हैं और शरीर के इम्यून सिस्ट को नुकसान पहुंचाते हैं। यह कैंसर, डायबिटीज, हृदय रोग जैसे क्रोनिक रोगों के लिए जिम्मेदार बड़े जोखिम कारकों में से एक है।
Health is wealth
शरीर में खून की कमी को दूर करने के घरेलू उपाय, इस पोस्ट को संभाल कर रखें!!
शरीर में खून की कमी तीन प्रमुख कारणों से होती हैं।
1. भोजन में लोह तत्वों की कमी।
2. फॉलिक एसिड की कमी
3. विटामिन बी 12 की कमी।
रक्त की कमी होने पर इन आहार को अपने भोजन में प्रमुख स्थान देने से आपकी रक्त की कमी कुछ ही दिनों में पूरी हो जाएगी।
✦ हरी सब्जिया :- भोजन में नियमित हरी शाक सब्जियों का मिश्रण पर्याप्त मात्रा में होना चाहिए। मौसम के अनुकूल आने वाली सब्जियों का सेवन ज़्यादा करना चाहिए।
✦ केला :- प्रात : तीन केले खाकर दूध में मिश्री, इलायची मिलाकर नित्य पीते रहने से रक्त की कमी दूर हो जाती हैं। यह पौष्टिक नाश्ता हैं।
✦ अंगूर :- 10 ओंस अंगूर का रस पीते रहने से रक्तालप्ता में लाभ होता हैं। अर्थात खून की कमी पूरी होती हैं।
✦ नीम्बू :- जिनके शरीर में रक्त की कमो हो, शरीर दिन पर दिन गिरता जाए, उन्हें निम्बू और टमाटर के रस का सेवन लाभ पहुंचता हैं।
✦ आंवला :- आधा कप आंवले के रस में दो चम्मच शहद, थोड़ा सा पानी मिलाकर पीने से लाभ होता हैं।
✦ फालसा :- फालसा खाने से शरीर में रक्त बढ़ता हैं।
✦ गाजर :- 250 ग्राम गाजर के रस में पालक का रस मिलाकर पियें।
✦ चुकंदर :- चुकंदर रक्त बढ़ाने में बहुत सहयोगी हैं। सीजन में इसका नित्य सेवन करना चाहिए। इसको डॉक्टर प्योर खून भी बोलते हैं।
✦ प्याज :- प्याज में लोहा बहुत होता हैं, अत : इसको कच्चा या इस का रस शरीर में खून बढ़ाता हैं। प्याज का रस और गाजर का रस आधा आधा कप मिलाकर पीने से रक्तक्षीणता दूर होती हैं। प्याज का रस चौथाई कप और आंवले का रस या आंवले का चूर्ण एक चम्मच मिलाकर लेने से रक्तक्षीणता दूर हो जाती हैं। प्याज का रस आधा कप तथा पालक और टमाटर का रस आधा आधा गिलास, सबको मिलाकर पीने से लाभ होता हैं। प्याज का रस दो चम्मच तथा शहद दो चम्मच मिलाकर पीने से खून की कमी दूर होती हैं।
✦ अनार :- अनार नित्य खाने से कुछ ही दिनों में खून की कमी दूर होती हैं, और चेहरा लाल टमाटर जैसा बन जाता हैं।
✦ शहद :- रक्त की कमी हो तो दिन में तीन बार एक एक चम्मच शहद पानी में या दूध में डालकर पिए।
✦ पालक :- पालक की सब्जी और पालक का रस दोनों ही बहुत बढ़िया हैं खून बढ़ने में। इसके रस में स्वादनुसार शहद मिलाकर पी सकते हैं। इस से चेहरे पर लालिमा, शरीर में स्फूर्ति, उत्साह, शक्ति – संचार व् रक्त भृमण तेजी से होता हैं। चेहरे के रंग में निखार आता हैं। नेत्र ज्योति बढ़ती हैं।
✦ रक्तवर्धक मुनक्का :- 60 ग्राम मुनक्के धो कर भिगो दे। बारह घंटो बाद इनको खाए। भीगे हुए मुनक्के पेट के रोगो को दूर कर रक्त बढ़ाते हैं। मुनक्के धीरे धीरे बढ़ा कर 200 ग्राम तक कर सकते हैं। वर्ष में इस प्रकार तीन चार किलो मुनक्के खाना बहुत लाभदायक हैं।
✦ बेल :- बेल का सूखा गूदा पीस ले। गर्म दूध में इसके दो चम्मच और स्वादनुसार पीसी मिश्री मिला कर पियें। यह अच्छा रक्तवर्धक टॉनिक हैं।
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